संविधान दिवस : बच्चों के उज्ज्वल भविष्य को लेकर चिंतित फरकिया कला सांस्कृतिक संगम

Journalist Chandan
संविधान दिवस के उपलक्ष्य में बच्चों के उज्ज्वल भविष्य को लेकर चिंतित फरकिया कला सांस्कृतिक संगम


बताते चले की दिनांक 23 नवंबर 22 को बाल्मीकि सर के दरवाजे पर फरकिया कला सांस्कृतिक की ओर से क्लास 6 - 8 वीं के बच्चों का मानचित्र कार्यशाल  आयोजित की गयी। इस कार्यशाला में बच्चों ने 28 राज्य 8 केन्द्र शाषित  और 8 पड़ोसी राष्ट्र का नाम अंकित किये। कम संख्या में बच्चों को राज्य, केन्द्र शासित और पड़ोसी राष्ट्र का नाम की जानकारी नही थी। बच्चों में खुशी हुई की आज मानचित्र कार्यशाला में शामिल हुई। इस कार्यक्रम का मकसद यह है की  बच्चों के मानसिक विकास के साथ बौद्धिक विकास हो और समूह में पढ़ाई करे।



23 नवंबर 22 से फरकिया कला सांस्कृतिक संगम की ओर से 5 पंचायत 21 मोहल्ले में युवा और युवतियों के बीच क्लास 6 से 12 वीं तक के बच्चों के बीच मानचित्र कार्यशाला आयोजित किये जा रहे है।

इस कार्यक्रम के मुख्य मकसद है की  युवा और युवतियों के मानसिक, बौद्धिक विकास के साथ साथ समूह में पढ़ाई करे जिससे की दिलचस्पी से पढ़ाई कर सकें, न की उबाऊपन में पढ़े। आज के मौजूदा समय में बच्चे दो आधार से पढ़ते है , पहली आधार यह है की नौकरी मिले और दूसरे आधार से की अविभावक के दवाब से बच्चे पढ़ते की न की अपने बेहतर हो और सामाजिक बेहतर हो।

इस बेहतरीन के लिए  स्कूली शिक्षा के साथ साथ व्यवहारिक शिक्षा की प्राप्ति कैसे हो ताकि इस समय में मानवता बची रहे। आज की शिक्षा का मतलब है आर्थिक शिक्षा हो, जरूरी है लेकिन हमे अपने समाज को बेहतर करने के लिए दोस्ताना और मित्रवत शिक्षा मिले। इसके लिए फरकिया कला सांस्कृतिक संगम के आयोजन समिति के संयोयक उमेश कुमार ने कहा की हम 5 पंचायत 21 गांव में शैक्षणिक माहौल के लिए हम सभी साथी मिलकर  समूह आधारित हम  युवाओं और युवतियों के दिलचस्पी के आधार पर पढ़ाई करेंगे।आज सामाजिक तौर पर युवतियों को अपने जीवन को बेहतर के लिए आज़ादी नही है।

हमारी क्रमश कोशिश है की
आने वाले समय में इस इलाके के युवतियों के बीच हम युवा और युवतियों को प्रस्तवना, संविधान और जन गण मन के उद्देश्य को व्यवहारिक तौर पर जमीन पर उतरने की कोशिश करेंगे। इसी को पूरा करने के लिए समूह बना कर इस इलाके के युवतियों और युवाओं को  आगे बढ़ाने की जरूरत पर काम करने की जरूरत है। युवा और युवती हि देश के भविष्य है। इसको ध्यान में रखते हुए  कार्यक्रम आधारित पढ़ाई की जरूरत है।
उपरोक्त बिषय पर कल दिनांक 26 नवंबर गहटरा में मानचित्र कार्यशाल आयोजित किये जाएंगे।

आजादी के दौर के समय लिखे गये  प्रस्तवना को युवतियों को संकल्पित कराये गये ।
हम,
भारत के लोग,
भारत को एक
सम्पूर्ण प्रभुत्व-सम्पन्न समाजवादी पंथनिरपेक्ष लोकतंत्रात्मक
गणराज्य बनाने के लिये,
तथा उसके समस्त नागरिकों को:
सामाजिक, आर्थिक और राजनैतिक न्याय,
विचार,
अभिव्यक्ति,
विश्वास,
धर्म और उपासना की स्वतंत्रता,
प्रतिष्ठा और अवसर की समता
प्राप्त कराने के लिये,
तथा उन सब में
व्यक्ति की गरिमा
और राष्ट्र की एकता
और अखण्डता
सुनिश्चित करने वाली बंधुता
बढ़ाने के लिये
द्रढ़संकल्प होकर एतद्द्वारा इस संविधान को अंगीकृत, अधिनियमित
और आत्मार्पित करते हैं।

उमेश कुमार
आयोजन समिति सदस्य फरकिया कला सांस्कृतिक संगम तेतारबाद चांदपुरा, खगड़िया











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