धरल्ले से चल रही है।सरकारी जमीन की खरीद-बिक्री |
इन दिनों तेजी से चल रही है।बिहार सरकार की(गैरमजरुआ- आम) जमीन की खरीद - बिक्री जबकि बिहार सरकार की जमीन (गैरमजरुआ- आम) की खरीद व बिक्री पर रोक लगा है। फिर भी जो है।दबंगों के जरिए पहले उस जमीन को कब्जा किया जाता है।और बाद में जो है,उस जमीन की खरीद व बिक्री की जाती है।बिक्री के लिऐ ऐसे लोगों को टारगेट करते जो कि समाज मे कमज़ोर और दबंगो के पुजारी हो जब उसके खिलाफ लोग आवाज उठाते है। तो उसे यह कह के मुँह बंद कर दिया जाता है कि यह जमीन तुम्हारा है,जिसका था वह अपना बेच लिया तुम्हारा क्या जाता है।और जब इसकी शिकायत प्रशासन से की जाती है,तो इसे मजबूरी का नाम दिया जाता है।और कहा जाता है,की इतने सारे लोगों ने जमीन बेचा तो सरकार और प्रशासन कुछ करते ही नही हैं। तो तुम लोग क्या कर पाओगे, और सामुहिक रूप से हमला किया जाता है। लोगों के आवाज को दबाने के लिए की वह चुप हो जाऐ।और हम यू ही जमीन बेच-बेच कर अपना पेट भरे और अमीर बने। जैसा कि आप सभी जानते है,की पूंजीवादी समाज का बिपक्ष होने से सभी डरते है।यहाँ तक कि पुलिस प्रशासन भी कुछ नही करते है क्यों कि उन्हें भी कही न कही इन सामाजिक दबंगों का डर लगा रहता है।और दबंगों के दबाब में वह भी बोल पड़ते है,की जाऔ जो करना है कर लो कुछ नही होगा उसके हिस्से का जमीन था और उसने बेच लिया तुम्हें उसके क्या यह कह के केस नही लेते है।जिससे दबंगों के मनोबल में और चार चांद लग जाता है।जिससे समाज मे गरीब लोगों को तरह-तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। क्यों कि कानून के सेवक(रक्षक)अधिवक्ता रामअरुण मंडल जैसे ही व्यक्ति ऐसे जमीनों का कार-बार करते है।भला इनसे मुक़दमा मामले में कौन जीत पायेगा। ऐसे वकीलों का लाइसंस रद्द किया जाए।
अतःबिहार सरकार से अनुरोध है।कि जब बिहार सरकार की जमीन (गैरमजरुआ-आम)जिस पर खरीद व बिक्री की रोक लगी है।उसे फिर भी खरीद-बिक्री की जा रही है,समाजिक अपराध को बढ़ावा दी जा रही है।जिसमें प्रशासन भी चुप बैठे है तो आप से मेरा अनुरोध है कि आप इसकी जानकारी ले और उचित कार्यवाही जो है।करने की कृपा करें।